
“Premature…” – जयशंकर ने ट्रंप के “Zero Tariffs” दावे को किया खारिज | भारत ने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया: विदेश मंत्री का दो-टूक जवाब
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे पर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने उन्हें ‘ज़ीरो टैरिफ्स’ का ऑफर दिया था। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने करारा जवाब देते हुए कहा:
“That claim is premature and not accurate. At no point did India offer zero tariffs across the board.”
क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने?
एक चुनावी रैली में ट्रंप ने दावा किया:
“I talked to India. They said they’d do zero tariffs if we made a deal.”
इस बयान के साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका को व्यापार में भारी नुकसान होता है और वो इसे उलटना चाहते हैं।
जयशंकर का जवाब क्यों अहम है?
भारत की विदेश नीति और व्यापार वार्ताओं में सटीक शब्दों और संतुलन का महत्व होता है। जयशंकर के इस स्पष्टीकरण का सीधा अर्थ है कि:
भारत ने कोई सार्वभौमिक ‘ज़ीरो टैरिफ्स’ ऑफर नहीं दिया।
यह ट्रंप की राजनीतिक बयानबाज़ी हो सकती है, न कि कोई वास्तविक कूटनीतिक सहमति।
भारत अपने राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ही व्यापार समझौते करता है।
कूटनीतिक संकेत:
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर अक्सर खींचतान रहती है, खासकर टेक्नोलॉजी, फार्मा और कृषि उत्पादों पर।
जयशंकर के बयान से यह भी साफ हो गया है कि भारत मजबूत वार्ताकार की भूमिका में है, जो बिना ठोस लाभ के कोई रियायत नहीं देता।
राजनीतिक विश्लेषण:
ट्रंप के इस बयान को विश्लेषक 2024-25 अमेरिकी चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें वो ‘America First’ के एजेंडे को फिर से धार देना चाहते हैं। लेकिन इस बार भारत को भी बयानबाज़ी में घसीटना नया पहलू है।
निष्कर्ष:
भारत ने ‘ज़ीरो टैरिफ्स’ का कोई प्रस्ताव नहीं दिया।
जयशंकर का यह सीधा और स्पष्ट जवाब दर्शाता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास से खड़ा है और तथ्यों के साथ अपने हितों की रक्षा करना जानता है।
जयशंकर का संदेश साफ है – भारत की नीतियाँ अब सिर्फ कूटनीति नहीं, रणनीतिक सोच का हिस्सा हैं।