पुष्पक महंत ने सरकारी नौकरी का इंतजार न करते हुए बीते 24 वर्षों से अपने घर पर ब्रायलर फार्म स्थापित कर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया। ब्रायलर पालन में विशेष अनुभव प्राप्त पुष्पक महंत से प्रशिक्षण लेकर तामुलपुर के कई शिक्षित बेरोजगार युवाओं ने भी ब्रायलर फार्म खोलकर अपनी आजीविका के साथ-साथ अपने परिवार का भरण-पोषण किया है।
हाल ही में उन्होंने उन्नत किस्म के ब्रायलर चूजों का उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ समझौता किया है। अब वे एक बार में 5,000 से 6,000 चूजे लाकर उनका सही तरीके से पालन करते हैं और हर महीने 70,000 रुपये से अधिक की आय अर्जित करते हैं।
पुष्पक महंत, जो न केवल स्वयं आत्मनिर्भर हैं बल्कि दस अन्य लोगों को रोजगार प्रदान करने में सक्षम हैं, तामुलपुर में एक आदर्श ब्रायलर किसान के रूप में माने जाते हैं।